Covid 19 Vaccination: विशेषज्ञों का मत, बेझिझक लगवाएं वैक्सीन; न रखें कोई भ्रम
देहरादून। कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए हम सभी को वैक्सीन का इंतजार था। सभी जानते हैं कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण एक बड़ा हथियार है, लेकिन इस बीच कई लोग वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमित हो गए। वहीं, प्रदेश में तीन मामले ऐसे भी आए, जिसमें टीकाकरण के बाद व्यक्ति की मौत हो गई। हालांकि, मौत का कारण टीकाकरण नहीं था, मगर इससे कहीं न कहीं आमजन के मन में अनिश्चितता का भाव उभरा है।
विशेषज्ञों का मत है कि लोग बेझिझक वैक्सीन लगवाएं। इसे लेकर किसी भी तरह के भ्रम में न पड़ें। वैक्सीन बीमारी की गंभीरता और इस कारण होने वाली मौतों को रोकने में पूरी तरह कारगर है। डबल डोज लेने के बाद संक्रमित हुए लोग भी वैक्सीन जरूर लगवाने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि इससे रोग की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने और लंबे वक्त तक बीमारी से जूझने के खतरे को टाला जा सकता है।
वैक्सीन लगवाई तभी सामन्य रहा
वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद संक्रमित हुए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत का कहना है कि व्यक्ति का संक्रमित होना और वायरस का शरीर पर प्रभाव दो अलग चीज हैं। वैक्सीन वायरस को शरीर में दाखिल होने से नहीं रोक सकती, मगर वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति पर इसका गंभीर प्रभाव नहीं दिखेगा।
मुझे गंभीर संक्रमण भी हो सकता था, अगर मैंने वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली होती। यह वैक्सीन का ही असर था कि मेरी स्थिति सामान्य रही और अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा। वहीं, वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी के अनुसार कोई नया स्ट्रेन भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। लेकिन, टीकाकरण के बाद वायरस के ज्यादा गंभीर प्रभाव नहीं दिखेंगे। यही कारण है कि वैक्सीन की डबल डोज लेकर संक्रमित हुए व्यक्ति सामान्य स्थिति में हैं।
तीन मौत हुई, किसी का भी कारण टीकाकरण नहीं
प्रदेश में टीकाकरण के बाद अब तक तीन व्यक्तियों की मौत हुई है। इनमें देहरादून जनपद की डोईवाला तहसील में तैनात संग्र्रह अमीन ने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी। चमोली और टिहरी में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इन्हें वैक्सीन की प्रथम डोज लगी थी। किसी में भी मौत का कारण टीकाकरण नहीं था।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया के अनुसार ऐसे किसी भी मामले में तय नियम के अनुसार चिकित्सकों का पैनल मृतक का पोस्टमार्टम करता है। जिसमें टीकाकरण के किसी दुष्प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई है। इनकी मौत अलग-अलग कारणों से हुई है। ऐसे में मन में किसी तरह का भ्रम न रखें और बिना डरे वैक्सीन लगवाएं।