लखनऊ : लोकभवन के सामने मां-बेटी आत्मदाह मामले में एसएचओ जामो समेत विवेचक दारोगा और दो सिपाही निलंबित
लखनऊ में लोकभवन के सामने मां-बेटी के आत्मदाह के मामले में एसएचओ जामो के अलावा छेड़छाड़ का विवेचक दारोगा व दो सिपाही निलंबित कर दिए गए हैं। एसपी ने एएसपी को पूरे मामले की जांच सौंप दी है। देर रात डीएम व एसपी ने मौका मुआयना किया।
क्या है पूरा मामला
अमेठी के जामो थानाक्षेत्र की रहने वाली 56 वर्षीय महिला और 28 वर्षीय उनकी बेटी ने शुक्रवार शाम को लोकभवन के सामने मिट्टी का तेल उड़ेलकर आत्मदाह करने की कोशिश की। आग की लपटों में घिरी महिला वहीं गिर गई। जबकि उनकी बेटी आग की लपटों में घिरकर सड़क पर दौड़ने लगी। सूचना मिलते ही पुलिस ने दोनों के शरीर पर कंबल डालकर आग बुझाई और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया।
जहां दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अमेठी के जामो की रहने वाली दोनों का जमीन का विवाद है। इस मामले में जामो थाने में मारपीट व छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ था। दोनों ने प्रशासन व पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा के मुताबिक मां-बेटी अमेठी के जामो की रहने वाली हैं। वहां कुछ लोगों से नाली का विवाद था। इसे लेकर मारपीट हुई थी। बेटी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। दोनों वहां की पुलिस व प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार शाम को लोकभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया है।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों की जान बचाई और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जेसीपी नवीन अरोरा के मुताबिक अमेठी के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया जा रहा है। उनसे जानकारी मांगी गई है। उन्होंने बताया कि दोनों ने आत्मदाह या प्रदर्शन का कोई नोटिस नहीं दिया था। लेकिन पुलिस के सतर्क होने से बड़ा हादसा टल गया।
एसडीएम व एसओ पर कार्रवाई न करने का आरोप
आत्मदाह की कोशिश करने वाली महिला की बेटी के मुताबिक जामो कस्बा में उनकी पुश्तैनी जमीन है। जिस पर कब्जा और पानी निकासी को लेकर कुछ लोग विवाद कर रहे हैं। इन लोगों ने घर पर हमला भी किया था। इस दौरान उसके साथ बदसुलूकी भी की गई।
जामो पुलिस ने सुनील, राजकरन, राममिलन, के खिलाफ मारपीट व छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं एसडीएम ने भी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर की गई शिकायत पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिसके कारण दबंग लगातार प्रताड़ित करते आ रहे हैं।
दबंगों के कारण वह अपने परिवार के साथ घर छोड़ने को मजबूर हैं। इस मामले में दरोगा ब्रह्मानंद यादव ने उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद दरोगा आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाए समझौता करने का दबाव बना रहे हैं।
पीड़िताओं के मुताबिक जब अमेठी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उच्चाधिकारियों से भी संपर्क किया। पीड़िता ने बताया कि वह आईजी रेंज के कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगा चुकी हैं। लेकिन वहां न्याय नहीं मिला। पुलिस व प्रशासन सीधे दबंगों की मदद कर रहा है।
संवेदनहीनता: जान बचाने की जगह बना रहे थे वीडियो
लोकभवन के सामने मां-बेटी ने आत्मदाह के लिए मिट्टी का तेल उड़ेल लिया और आग लगा दी। दोनों आग की लपटों में घिरी चीख रही थीं। लेकिन मौजूद लोगों ने दोनों को बचाने के बजाय वीडियो बनानी शुरू कर दी। यहां तक कि किसी ने पुलिस को भी सूचना देना उचित नहीं समझा।
यह हाल आम लोगों का ही नहीं बल्कि लोकभवन की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों का भी रहा। सभी पुलिस के आने का इंतजार कर रहे थे। पुलिस पहुंची तो आग बुझाने के बाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों केमुताबिक महिला 80 प्रतिशत तक जल गई है। जबकि उनकी बेटी 40 प्रतिशत जली है। दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। इलाज किया जा रहा है।