जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार : गुड गवर्नेंस का उत्तराखंड मॉडल

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” कार्यक्रम प्रदेश में सुशासन, संवेदनशीलता और समाधान का सशक्त माध्यम बन चुका है। सरकार का संकल्प है कि कोई भी नागरिक योजनाओं और सेवाओं से वंचित न रहे। आज 31 दिसंबर 2025 तक प्रदेश के 13 जनपदों में 173 शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें 1,08,710 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 15,730 आवेदनों का त्वरित निस्तारण किया गया तथा 11,493 से अधिक नागरिकों को प्रमाण-पत्र एवं सेवाएं मौके पर उपलब्ध कराई गईं। इस अभियान के माध्यम से 63,202 से अधिक लोग विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह अभियान केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता के विश्वास की पुनर्स्थापना और सरकार-जनता की दूरी को समाप्त करने का प्रयास है। प्रत्येक जनपद में प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दिव्यांग, बुजुर्ग, महिलाओं और कमजोर वर्गों तक स्वयं पहुंचकर उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “मेरी सरकार की प्राथमिकता है कि हर पात्र व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुंचे। ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान इसी सोच का परिणाम है। उत्तराखंड में सुशासन अब कागजों तक नहीं, बल्कि धरातल पर दिख रहा है।”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लंबित आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए | शिविरों की निरंतर मॉनिटरिंग हो,फील्ड स्तर पर संवेदनशील और जवाबदेह प्रशासन सुनिश्चित किया जाए, प्रदेश सरकार जनता के विश्वास के साथ सेवा, सुशासन और विकास के संकल्प को निरंतर आगे बढ़ा रही है।

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