घायलों ने सुनाई आपबीती…संकरी सड़क थी, मोड़ आया और खाई में पलट गई बस, मच गई चीख-पुकार

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मैं बस की पिछली सीट पर बैठकर मोबाइल चला रहा था, कि अचानक मोड़ आया और बस पलट गई। यह कहना है गंगनानी बस हादसे में जिंदा बचे गुजरात भावनगर के तीर्थयात्री नीरज दवे का। उन्होंने बताया कि सड़क संकरी थी। पलक झपकते ही यह हादसा हुआ और बस कई पलटी खाकर खाई में जा गिरी। हादसे में नीरज के दोनों पैरों, कमर और सिर में गंभीर चोटें आई हैं।

बीते रविवार सुबह करीब सात बजे गुजरात के तीर्थयात्री गंगोत्री धाम के दर्शनों को रवाना हुए थे, जिन्हें नहीं पता था कि धाम के दर्शन कर लौटते समय वह हादसे का शिकार हो जाएंगे। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई और 28 लोग घायल हो गए। हादसे में जो जिंदा बचे हैं वह भगवान का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे हैं।

देहरादून के सभावाला निवासी बस के परिचालक संजू ने बताया कि वह पहली बार इस रूट पर आए थे, भगवान की कृपा है कि बच गए। बस ज्यादा नीचे जाती तो शायद कोई नहीं बचता। हादसे में परिचालक संजू के दोनों पैर चोटिल होने के साथ सिर पर चोटें आई हैं।

परिचालक संजू ने बताया कि वाहन के चालक मुकेश भी सभावाला देहरादून के रहने वाले हैं। जो गंभीर घायल हैं। एक अन्य तीर्थयात्री जीतू भाई ने बताया कि वह परिचालक के बगल में ही पहली सीट पर बैठे थे, मोड़ आते ही बस पलट गई और कई पलटी खाते हुए बस के परखच्चे उड़ गए।

एक अन्य घायल कमलेश उपाध्याय ने बताया कि वह अपनी पत्नी मीना के साथ बैठे थे। वह तो जिंदा बच गए हैं, लेकिन उनकी पत्नी का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाए गए कमलेश की आंखें इलाज के लिए पहुंच रहे लोगों में पत्नी को ही ढूंढ रही थी।

तीर्थयात्रियों का दल हरिद्वार के साथ चारधाम की यात्रा की प्लानिंग करके घर से निकला था। हादसे में घायलों ने बताया कि वह 15 अगस्त को गुजरात से चले थे। इसके बाद उन्होंने हरिद्वार और यमुनोत्री के दर्शन किए। रविवार को वह गंगोत्री के दर्शन कर लौट रहे थे। इसके बाद उन्हें केदारनाथ व बदरीनाथ भी जाना था, लेकिन हादसे ने उनकी धार्मिक यात्रा पर विराम लगा दिया है।

 

 

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